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क्या आपके जेब में रखा मोबाइल असल में एक छुपा जासूस है? जानिये क्यों!

दोस्तों एक जमाना था जब फ़ोन एक बहुत खास और महंगी चीज़ था लेकिन धीरे धीरे ये ऐसे हमारी जिंदगी में शामिल हो गया की पता ही नहीं चला।


आज हमारा हर तीसरा काम ये छोटा सा फ़ोन ही कर रहा है, लेकिन क्या कभी अपने ध्यान दिया कि फ़ोन की तो हम कीमत चूका देते हैं लेकिन उसके अन्दर आने वाला एंड्राइड सिस्टम तो फ्री ही होता है। उसमे मिलने वाली जीमेल मैप समेत हजारों लाखों एप हमें फ्री मिलते हैं वो क्यूँ, वो भी आज के वक़्त में जब आपको कोई दस रूपए भी फ्री न दे !



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सबसे पहले तो ये समझते हैं की जब भी हम फ़ोन में कोई एप डालते हैं तो वो आपसे ढेर सारी परमिशन मांगता हैं जिसे हम बिना उनकी शर्ते पढ़े ओके भी कर देते हैं। वो शर्ते क्या होती है उससे पहले चलो ये जानते हैं की आखिर ये परमिशन क्या बला है।


मान लो कि आप की एक दूकान है जिसका हिसाब किताब आप खुद ही रखते हैं लेकिन एक दिन आप इस कम के लिए एक मुनीम रख लेते हैं।


अब सबसे पहले क्या होगा? आप उससे कहेंगे की मुझे पूरे दिन की आमदनी का सही सही हिसाब चाहिए, वो कहेगा की ठीक है आप गल्ले की चाभी दे दीजिये ताकि में पैसे गिन कर हिसाब बना सकूं।


आप कहेंगे की मेरे बैंक बैलेंस का भी हिसाब शामिल करो इसमें, वो कहेगा की ठीक है आप मुझे अपनी बैंक पासबुक, कहता डिटेल और चेक डिटेल दीजिये ताकि मैं उसे हिसाब में शामिल कर सकूं।


आप बोलेंगे की मेरे गहर खर्च का हिसाब भी रखो तो वो कहेगा की मुझे आपसे घर के पूरे खर्च की जानकारी और घर की अलमारी में रखी रकम की जानकारी भी चाहिए।


इस के बाद मान लो आपने कहा की मेरे आने जाने का हिसाब रखो मेरे पहने हुए कपड़ो का हिसाब रखो, तो वो बोल देगा की आज से आप मुझसे बिना बताये न कहीं जायेंगे न कुछ पूछेंगे।


कुछ गलत नहीं लगा अभी तक?


अब लगेगा, पहली बात तो ये कि आप उसे तन्खवाह दे रहे हैं, क्या होगा कि वो मुफ्त में ये सब करें, क्या आप उसे नौकरी पर रखेंगे? जवाब है नहीं।


दूसरी बात, वो आपका हिसाब तो रख रहा है लेकिन आप भूल गये की ये सारा हिसाब उसके पात खुद ब खुद जा रहा रहा है। क्या होगा की आपके सामने वाला दुकानदार आपसे दुश्मनी रखने के लिए उस मुनीम से कहे की आप मुझे कुछ पैसे लेकर उसके सारे हिसाब की एक कॉपी मुझे देदो? वो तो आराम से एक फोटो स्टेट बना कर दे देगा न? एयर पडोसी उस डाटा से आपके इनकम टैक्स की फाइल का क्या करेगा?


और सबसे बड़ी बात कि आप केसे जानते है कि वो आपकी तमाम फाइलों को सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही पढ़ता है? वो अपने हिसाब से किसी भी फाइल को निकाल कर पढ़ सकता है और उसे आपके ही किसी दुश्मन को बेच सकता है न?


चलिए अब वापस आते हैं फ़ोन पर,

जब आप फ़ोन में फेसबुक इंस्टाल करते हैं तो उसे आपके फोटो चाहिए होते हैं इसीलिए वो आपसे स्टोरेज की परमिशन मांगता है। उसे आपके पड़ोस की चीज़ें दिखानी है तो वो आपसे लोकेशन की जानकारी मांगता है।



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आप व्हात्सप्प चलाओगे तो उसे आपकी फ़ोन नंबर की जानकारी चहिये, मैप चलाओगे तो उसे ये पता चलगे की आप कहाँ कहाँ जाते हैं। आपको ट्रू कॉलर चलाना है तो उसे आपके फ़ोन कॉल्स की जानकारी भी चाहिए।


अब ये सारे एप इंसान ही बनाते हैं न, इमानदार भी हो सकते हैं बेईमान भी, और सबसे ज्यादा एप अमेरिका के होते हैं और वो खुद कितना इमानदार है आप जानते है।


आपने विडियो कॉल के लिए फेसबुक को अपने कैमरा और माइक की परमिशन तो देदी लेकिन आपकी कैसे पता की वो सिर्फ आपकी मर्ज़ी से ही कैमरा और माइक चलाएंगे? वो उसे तब भी चालू आकर सकता है न जब फ़ोन आपकी टेबल पर रखा हो। या उसका माइक तब भी चालू कर सकते हैं जब आपका फ़ोन आपके तकिये के नीचे रखा हो और आप अपनी पत्नी से बातें करने में मगन हों?


आपने तो उनकी टर्म्स भी नहीं पढ़ी, आप कैसे जानते हैं की जो फोटो आप फ्री में मिलने वाले फेसबुक पर डाल रहे हैं वो उसे कल किसी एड कम्पनी को नहीं बेचेगा? शायद वो बेच दे और कल को आप अपनी कोई फोटो किसी गंदे से एड में देखें।


आप तो ये सोचते हैं की फ़ोन से एक फोटो ही इन्टरनेट पर डाला है लेकिन जो नहीं जानते वो ये की आपके फ़ोन में जितने भी एप के पास स्टोरेज की परमिशन है वो आपकी सभी फोटो पहले ही दिन में अपने पास सेव कर लेता है, और एक सर्वे के हिसाब से भारत में 95% लोगों ने कभी न कभी खुद की या अपने पति/पत्नी की बिना कपड़ों की फोटो अपने फोन से ली है, और वो अब तक जितने भी एप है आपके फोन में उन सब के सर्वर पर जा चुकी है।


आमतौर पर ये एप कम्पनियां ऐसे कोई फोटो का गलत इस्तेमाल नहीं करती लेकिन मत भूलिए कि उनमे काम करने वाले मेरे जैसे कर्मचारी ही होते हैं, क्या पता किसी की नज़र उनके सर्वर में सेव आपके फोटो पर पड़ जाये?


और सबसे बड़ी बात, सारे एप बड़ी कम्पनियों के तो नहीं होते, कुछ छोटे मोटे टेकनिशियन के ही होते है वैसे एंड्राइड एप एक लाख से कम में बन जाता है, क्या होगा अगर किसी ऐसे एप के सर्वर पर आपकी कोई फोटो या विडियो गयी? या उस एप ने उस वक़्त आपका कैमरा और माइक चालू कर लिया जब आप नहीं जानते थे?


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अगर आपको ये लगता है तो थोडा मेहनत कीजिये और गूगल करके पता कीजिये की हर साल कितनी कम्पनिया उसके ग्राहकों का निजी डाटा ब्लैक मार्किट में बेचती है। ये डाटा और कुछ नहीं बल्कि आपके फ़ोन डिटेल्स, कार्ड डिटेल्स, फोटो, विडियो होती है, और भी चाहिए तो इन्टरनेट पर गंदी हिंदी रिकॉर्डिंग या विडियो लिख कर सर्च कर लेना, ये सब उनकी होती है जिन्हे अब तक इसका पता भी नहीं होता।


इस आर्टिकल से हमारा मकसद किसी को डराना नहीं है बल्कि आपको ये बताना है की अपने फ़ोन से ऐसा कुछ न करें जिससे बाद में आपको पछताने का मौका भी न मिले।


धन्यवाद !


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