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रूस और यूक्रेन के युद्ध से भारत को क्या सीख लेनी चाहिए?

Updated: Apr 29, 2024

रूस पर हमला पहले अमेरिका ने किया, और अब रूस यूक्रेन पर हमला करके सिर्फ़ अमेरिकी हमले का जवाब दे रहा है!

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यूक्रेन से मास्को की दूरी लगभग 400 km है। यदि यूक्रेन नाटो साइन कर देता तो अमेरिका एक वर्ष के भीतर ही यूक्रेन की सुरक्षा का हवाला देकर यूक्रेन में इतना असलहा-बारूद तैनात कर देता कि रूस से फ़ुल स्केल वॉर किया जा सके। और इसके बाद अमेरिका रूस को तोड़ने के लिए यूक्रेन का इस्तेमाल अपने ऊँट की तरह करता।

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अतः अमेरिकी सेनाओं को यूक्रेन में घुसने से रोकने के लिए रूस के पास हमला करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नही था।

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यहां ऊंट शब्द से क्या तात्पर्य है? ————————————- यह एक गुजरती कहावत से लिया गया है। गुजराती में एक कहावत है : Z के किले का गेट तोड़ने के लिए X ऊंट के रूप में Y का इस्तेमाल करता है। यह कहावत कैसे अस्तित्व में आयी ? सैकड़ों साल पहले, आक्रमणकारी किले के दरवाजे तोड़ने के लिए हाथियों का इस्तेमाल करते थे। हाथी के सिर पर एक कवच लगाया जाता, और हाथी दौड़ता हुआ जाकर अपने सर से दरवाजे पर टक्कर मारता। और दरवाजा टूट जाता था। फिर किले वालो ने दरवाजे पर लोहे के 2 फीट लंबे भाले लगाने शुरू कर दिए। अब यदि हाथी दरवाजे को टक्कर मारता तो भाले हाथी के शरीर में घुस जाते और हाथी मर जाता। फिर आक्रमणकारियों ने नई तरकीब निकाली। उन्होंने हाथी और दरवाजे के बीच ऊंट को रखना शुरू किया। ऊँट को रस्सियों से बांध कर रखा जाता और यह हाथी के साथ चलता था। अब हाथी ऊंट के शरीर को धक्का मारता जिससे भाले ऊंट के शरीर में घुस जाते। हाथी द्वारा लगाया गया बल दरवाजे को तोड़ देता, लेकिन हाथी को कुछ न होता था। . फिर किले वालो ने नयी युक्ति लगायी। जब हाथी किले की और आता तो वे एसिड और आग के गोले फेंकना शुरू कर देते। इससे हाथी और महावत आगे नहीं बढ़ पाते थे। फिर आक्रमणकारीयों ने इसका तोड़ निकाला। उन्होंने ऊंट को "प्रशिक्षित" करना शुरू किया। ऊंट को कई दिनों तक भूखा रखकर शराब पिलायी जाती। और फिर एक गत्ते से बने दरवाजे पर हमला करने के लिए उकसाया जाता। जब ऊंट दरवाजे से टकराता तो गत्ते का दरवाजा टूट जाता, और इसके एवज में ऊंट को खाना दिया जाता। चूंकि दरवाजा गत्ते से बना होता था, इसीलिए ऊंट को कोई चोट नही आती थी। ऊंट के साथ बार बार ऐसा किया जाता था ताकि ऊंट को इसका अभ्यास हो जाए। ऊंट को भूखा रखा जाता, शराब पिलायी जाती और जब वह गत्ते का दरवाजा तोड़ देता तो उसे खाना दिया जाता। इस तरह ऊंट के दिमाग में यह बात बैठ जाती थी कि दरवाजे से टकराने से उसे कुछ नहीं होता है, बल्कि खाना मिलता है। और जब युद्ध होता था तो इस प्रकार सधाए गए कई भूखे प्यासे ऊंटों को किले के दरवाजे पर छोड़ दिया जाता था। ऊंट यह सोचकर किले के दरवाजे से जाकर टकराते थे कि उसे कोई चोट नहीं पहुंचेगी। लेकिन युद्ध के दिन दरवाजे से टकराकर ऊंट मर जाता। तो इस तरह आक्रमणकारी किले के दरवाजे तोड़ने के लिए ऊंट का इस्तेमाल करते थे। और इसी कारण से ये कहावत चलन में आई कि - "कैसे किसी दरवाजे को तोड़ने के लिए किसी का इस्तेमाल ऊंट की तरह किया जाता है"। . यह कहावत तब लागू होती है जब A, C को चोट पहुँचाने के लिए B का इस्तेमाल करता है। इस प्रक्रिया में B को सब तरफ से मुफ्त में नुकसान होता है किन्तु B अह मानकर किले के दरवाजो पर जाकर सिर्फ दे मारता है क्योंकि उसे यह विश्वास दिला दिया जाता है कि उसे लाभ होगा।



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मूल सवाल का जवाब: रूस और यूक्रेन के युद्ध से भारत को क्या सीख लेनी चाहिए?

हमे यह समझना चाहिए कि अमेरिका का ऊँट नम्बर 2 भारत है

और चीन पर हमला करने के लिए अमेरिका भारत में निम्नलिखित तैयारी कर चुका है :

(1) मीडिया में FDI

ताकि जनता को कंट्रोल करके राजनैतिक नेतृत्व को नियंत्रित किया जा सके।

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(2) डिफ़ेंस में FDI

ताकि भारत में अमेरिकी कम्पनियाँ युद्ध के लिए हथियारों का उत्पादन कर सके।

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(3) कोमकासा एग्रिमेंट

ताकि अमेरिकी जनरल भारतीय सेना का अधिकृत रूप से संचालन कर सके, एवं भारतीय ज़मीन पर अपनी सेना उतार सके।

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(4) धारा 370 का निरसन

ताकि वहाँ पर राष्ट्रपति शासन लगाकर अमेरिकी कश्मीर में निवेश के नाम पर अपने इस्टाब्लिशमेंट खड़ी कर सके। और वहाँ पर अमेरिकीयों एवं सऊदी अरब ने निर्माण शुरू भी कर दिया है।

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अगले चरण में अमेरिकी जिहादियों को अस्लहा और पैसा देकर खुद के ही निर्माण पर आतंकी हमले करवाएगा, या इसी तरह का कोई ड्रामा स्टेज करेगा ।

इसके बाद अमेरिकी कहेंगे कि हमारे निवेश को आतंकियों से ख़तरा है, और अब हम (अमेरिकी) कश्मीर में आतंकवाद को ख़त्म करने की जंग लड़ेंगे।

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पेड़ मीडिया रिपोर्ट करेगा कि — अब आतंकियों की ख़ैर नही है।

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और फिर अमेरिकी सेनाएँ कश्मीर में आना शुरू करेगी। कश्मीर से CPEC कुछ सौ किलोमीटर की दूरी पर ही है॥

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और इन हालात में चीन को इस बिंदु पर गम्भीरता से विचार करना पड़ेगा कि क्या उसे अमेरिकी सेनाओं के कश्मीर में अड्डा जमाने से पहले ही भारत पर आक्रमण कर देना चाहिए या नही !!! यदि चीन भारत पर हमला करता है तो चीन भारत पर सभी तरफ़ से हमला कर सकता है। पाकिस्तानी कश्मीर की तरफ़ से, पूर्वोत्तर से और नेवी के माध्यम से दक्षिण की सभी दिशाओं से॥

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इस सीख को ध्यान में रखते हुए हमें यह विचार अभी से करना होगा कि हम भारत की सैन्य शक्ति को किस प्रकार से चीन और अमेरिका से मुकाबला करने लायक बना सकते हैं। भारत की सेना में आधुनिक स्वदेशी हथियार नहीं है, जिस वजह से हमारी सेना कमजोर है।

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