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क्या तमाम समस्याओं का कोई इकठ्ठा हल कहीं मौजूद है? जाने!

दोस्तों क्या आप दुनिया में कोई ऐसा इंसान बता सकते हैं जिसे कोई परेशानी न हो? शायद नहीं क्यूंकि ऐसा होना मुमकिन नहीं है। अब ऐसा क्यों मुमकिन नहीं है आइये जाने की कोशिस करते हैं !



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यूट्यूब पर एक इंग्लिश साइंस फिक्शन चैनल है जिसका नाम है What If ! यानि क्या होगा अगर ? इस चैनल पर अक्सर अलग चीज़ों को आम तरीके से हटकर सोचने की कोशिस की जाती है की अगर ये चीज़ ऐसी न होकर ज्यादा आसान होती तो क्या होता, लगातार 2 साल से ज्यादा चैनल को देखने के बाद काफी चीज़ें जाने को मिली, हालांकि वही चीज़ें हमारी किताबो में सिर्फ लिखा है की क्या होगा, क्यों होगा ये किताबे बयान नहीं करती।


  1. सबसे आम सवाल, क्या होगा अगर दुनिया में कोई भी ग़रीब न रहे तो, तो होगा ये की अचानक लोग भूखे मरने लगेंगे क्यूंकि सबसे पहले तो मजदूर नही होंगे जो आपके खेतों में काम कर सकें आपके अनाज को ढो सकें अनाज के ट्रक चला सकें उन ट्रको को सुधार सकें, मंडी में गल्ले को यहां से वहां ले जा सकें और उन्हें दूकान पर पहुंचा सकें, और आपकी लक्ज़री की सभी चीज़ें मिलना बंद हो जाएंगी याद रखिये अब सभी अमीर हैं और सब को वही चीज़ें चाहिए जिन्हे बनाने वाले मजदूर अब नहीं हैं वो सब सेठ जी बन चुके हैं।

  2. क्या होगा अगर हवा में ऑक्सीजन बढ़ जाए और हमें बेहतर सांस आ सके। होगा ये की उससे भी हम धीरे धीरे मरना शुरू हो जाएंगे क्यूंकि 21% से ज्यादा ऑक्सीजन हमारे बदन में जहर पैदा करती है, आप ऐसा समझ लीजिये की चूल्हे को जलने के लिए हवा जरूरी है मगर अगर वो हवा आंधी हो तो क्या होगा? चूल्हा जलेगा क्या?

  3. अच्छा क्या होगा की ऑक्सीजन तो उतनी ही रहे मगर कार्बन डाई ऑक्साइड और बाकि प्रदुषण करने वाली गैंसें ख़त्म कर दी जाएँ, आखिर उससे डीएम घुटता है न? तो मेरे भाई उससे होगा ये की ये सभी गैसें प्रदुषण के अलावा एक जरूरी काम करते हैं और वो ये की सूरज से आने वाली गर्मी को धरती पर बाँध कर ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट पैदा करती हैं, अब अगर ये गैंसे न होंगी तो सूरज से आने वाली तमाम गर्मी वापस चली जाएगी और हम कुछ ही महीनो में बर्फ से ढकी दुनिया में होंगे और इतनी ठण्ड होगी की जिन्दा रहना मुमकिन न होगा।

  4. अच्छा चलो क्या हो की पीने के पानी की किल्लत न हो? तमाम नदियां समंदर झीलें जहां नमक का पानी है वो सादा पानी बन जाये? दोस्तों उससे होगा ये की नमकीन पानी की हीट को होल्ड करने की पावर सादे पानी से ज्यादा होती है जिसे साइंटिस्ट स्पेसिफिक हीट बोलते हैं, मतलब नमकीन पानी गर्मी के मौसम में देर से गर्म होगा और सर्दी में देर से ठंडा और धरती पर दो तिहाई से ज्यादा हिस्सा सिर्फ पानी है इसीलिए ये मौसम को न ज्यादा गर्म होने देता है और न ज्यादा ठंडा। अब सोच लो की अगर ये सारा पानी सादा पानी हो तो ये जल्दी गर्म और ठंडा होगा तो आपका क्या होगा? आप तो अब भी सर्दी गर्मी से परेशां रहते हो तब की सर्दी गर्मी से कोन जिन्दा बच पायेगा? धरती पर समंदर न हों और ढेर साड़ी खेती की जमीन हो ये आईडिया तो छोड़ ही दीजिये।

  5. ओके चलो छोडो, कैसा हो की मधुमक्खियां न हो बड़ा काटती हैं। जवाब आसान है की आप और हम सब आने वाले 3 सालों में मर जाएंगे क्यूंकि यही वो हैं जो फूलों का रस पीने के चक्कर में एक फूल से दुसरे फूल पर मंडराती है और इसी चक्कर में नर और मादा पौधे का पराग मिक्स क्र देती हैं जिससे तमाम तरह की फसलें होती है। मधुमक्खी नहीं तो पराग मिक्स नहीं होगा मतलब गेहूं चावल फल सब्जी कुछ नहीं, खाओगे क्या गोदाम से, वो भी ख़त्म हो जाएगा। और हाँ मच्छर भी काफी हद तक यही करते है तो उन्हें भी ख़त्म करने का मत सोचना।

  6. ठीक है सारे शेर ख़त्म कर तो या सारे सांप, ये खतरनाक जानवर हैं। जवाब सेम है ये दोनों ही छोटे जानवरों को खा कर उनकी तादाद कण्ट्रोल करते हैं जिससे आप उनसे बचे रहते हैं। ये न होंगे तो हिरन, गाय भैंस और चूहे मेंढक आपको कहीं का नहीं छोड़ेंगे न फैसले होंगी न आप न दुनिया। इसी तरह गिद्ध न हुए तो जानवर सड़ेंगे चीटिया न हुईं तो गिद्धों का बचा हुआ कौन खायेगा, चिड़िया नहीं होगी तो कीड़े कौन ख़त्म करेगा कीड़े नहीं होंगे तो जमीन में हवा कैसे पहुंचेगी जिससे फसलें होगी। वैसे भी चीन कोशिस कर चूका है बिना चिडियो की दुनिया बनाने को, क्या हुआ हम सब जानते हैं।

  7. ओके चलो एक बेकार चीज़ लेते है, ये जो आस पास बेकार की घास होती है इसे हटा दो इस का क्या काम है, घास के दो काम है एक तो दूध वाले जानवरो का पेट भरना दूसरा मिटटी को बांधे रखना। घास न ही तो जानवर खाएंगे, बारिस में मिटटी बह जायेगी जगह कटान से पेड़ गिरेंगे खेत ख़त्म होंगे फैसले बर्बाद होंगी और वही पुराना वाला फसल ख़त्म तो खाना ख़त्म तो आप खत्म और दुनिया ख़त्म।

  8. क्या होगा अगर सूरज से पास सिर्फ धरती ही होती और बाकि के ग्रह न होते? उससे ये होता की की की जो धरती और सूरज के बीच के दो ग्रह हैं वो सूरज से आने वाली सौर लपटों को अपनी तरफ खींच लेते है अगर ये दोनों न होते तो सूरज हमारी तरफ इतनी लपटें फेंकता की धरती का मेग्नेटिक फील्ड का कवर उसे रोक न पाता और सब जल मरते, और अगर धरती से बाहर वाले पांच ग्रह न होते तो ये होता की जो बहार अंतरिक्ष से आने वाले उल्काएं या धूमकेतु या आमा भाषा में कहूं तो तमाम तरह के आसमानी कंकड़ पत्थर सीधे धरती पर आया करते जिससे किसी का भी जिन्दा रह पाना नामुमकिन होता, अब उन सब को जुपिटर और सैटर्न अपनी तरफ खींच लेते हैं और धरती तक आने से पहले ही ख़त्म कर देते है और यहां छोटे मोटे उल्का ही आ पाते हैं।

  9. ठीक है धरती को ऐसे ही रहने देते हैं लेकिन क्या होगा अगर सूरज समेत पूरा सोलर सिस्टम ही मिल्क वे के किसी कोने में न होकर बीच मिल्की वे में होता? कितना रंगीन आसमान होता न हमारा रंगीन नज़ारे? लेकिन नहीं आप गलत हैं अगर आप मिल्की वे के बीच में होते तो हज़ारों की तादाद में ऐसे बड़े बड़े ब्लैक होल, नोट्रॉन स्टार, मैग्नेटार से सामना होता जी पूरी धरती को पल भर में निगलने की ताक़त रखते है और अगर उनसे भी बच निकलते तो उनसे हरदम निकलने वाले रेडिएशन का क्या उससे कैसे बचेंगे और उससे भी जान बचा ली तो गामा बर्स्ट से कैसे बचोगे वो भी तो उसी रंगीन आसमान में ही फटती रहती हैं अक्सर, पल भर में जला सकती है तमाम दुनिया को।

  10. अच्छा ठीक है, ये सब बड़ी और नेचुरल चीज़ें हैं, किसी आम चीज़ की बात करते हैं, अगर हमारे दुशमन न हों होगा? सब दोस्त बन कर रहेंगे हैं न? नहीं आप फिर से गलत हैं साहब, याद कीजिये आखिरी बार जब आपने नया मकान बनाने का किसे देख कर सोचा था? साइकोलॉजी कहती है की लोग अक्सर दोस्तों की चीज़ें मांग कर या किसी न किसी तरह इस्तेमाल करते रहते हैं जबकि किसी ऐसे आदमी जिससे वो नफरत करते हैं उसे देखकर खरीदने का सोचते हैं ताकि उससे बराबरी को जा सके, दोस्तों से कोई भी बहस या बराबरी करने की नहीं सोचता। इसका मतलब ये हुआ की अगर आपकी जिंदगी में अगर दुशमन न हों तो आपके पास आगे बढ़ने का कोई मक़सद नही होगा और अगर मक़सद नहीं होगा तो आपकी तबाह होने से कोई नहीं बचा सकता।

  11. और आखिरी चीज़, अगर हम इस दुनिया से कुछ भी नहीं हटाया जा सकता तो क्यों न हम ऐसी चीज़ को हटा दें जो असल में है ही नहीं मगर सबसे ज्यादा तकलीफ यही देती है, नाकामयाबी? अफ़सोस मगर ये भी नहीं हो सकता क्यूंकि कामयाबी उस बुलंदी का नाम है जिसके आगे सिर्फ ढलान और खायी है, अगर आप जिंदगी में नाकामयाब हैं तो आप कोशिस करके आगे बढ़ सकते हैं और न भी करेंगे तो वही रहेंगे और न भी रहेंगे तो पता होगा की कोशिस न करने की वजह से निचे गिर रहे हैं। लेकिन अगर आप पहले की कामयाबी की चोटी पर खड़े है तो क्या? किधर जायेंगे कोशिस न करें या नहीं मगर कामयाबी के बाद गिरना तय है !

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दोस्तों किसी ने कहा भी है की दुनिया बनाने वाले ने ये दुनिया ऐसी इसीलिए बनायीं क्यूंकि यही सबसे बेहतर संभव मॉडल है, अगर आपको लगता है की इसमें कोई तकलीफ है तो यकीन मानिये की आपकी वो परेशानी हज़ार दिक्कतों को पीछे छोड़ कर आयी है।


गरीब परेशान है की पैसा नहीं है , मध्यम क्लास की दिकक्त है की पैसा है पर काफी नहीं है, अमीर की दिक्कत है की पैसा है पर उसे नीचे वाले दोनों से बचाये कैसे, सेहत बनाये कैसे गोली के बिना नींद लाएं कैसे? अनपढ़ की दिक्कत है की पढ़ नहीं सकता और पढ़ा लिखा चाहता है की दिमागी मेहनत से जान कैसे बचे?


आप जहाँ है वह खुश रहने का सबसे बेहतर मॉडल है की अपनी परेशानी की पहचान करें और उसे अपना मकसद बना लें और उसके लिए मेहनत करें, उसके अलावा ख़ुशी का कोई जरिया नहीं, मुमकिन नहीं।


#पहली_जज्बाती_स्टोरी


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